लेखनी प्रतियोगिता -03-May-2022
ईश्वर की उत्कृष्ट रचनाओं में
एक स्त्री होती है
एक पुरूष होता है
पुरूष जानना है
जानने का प्रयत्न करता है
करता रहता है
स्त्री मानना है
मान लेती है
स्वीकार अंगीकार करती है
पुरुष कर्म है
कर्म से सर्वथा अभिन्न
कर्म पथ पर ही रहता है
स्त्री अवस्था है
होना पड़ता है
कर्म से भी भाव से भी
और गुणों के आधार पर कभी
स्त्री पुरुष हो जाती है
पुरुष स्त्री हो जाता है
और अंततः दोनों एक हो जाते हैं
यही सम्पूर्णता है
Shrishti pandey
04-May-2022 11:00 AM
Very nice
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Anshumandwivedi426
04-May-2022 08:43 PM
सहृदय धन्यवाद
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Punam verma
04-May-2022 10:27 AM
Nice
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Anshumandwivedi426
04-May-2022 08:42 PM
ससम्मान धन्यवाद
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Swati chourasia
04-May-2022 07:52 AM
बहुत खूब 👌
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Anshumandwivedi426
04-May-2022 08:55 AM
कोटिशः धन्यवाद
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